Friday, 2 March 2018

my poem - scam

पुष्कर में रहता एक पंडित
नाम था उसका भोलाराम

पूरा जीवन बिता दिया उसने
ले लेकर भारत का नाम

छा गई दिमाग में उसके
सरफरोशी की तमन्ना

कोई भगत सिंह कहता उसको
कोई कहता गांधी अन्ना

एक दिन बीमार हुए पंडित जी
लोगों को हुआ बहुत ही शौक

पंडित की जीवन डोर टूटी
और पहुंच गया यमलोक

वहां पहुंच पंडित ने देखा कालों का काला सरदार

यम नगरी में सोच रहा घड़ियों का दरबार

पंडित पर गया सोच में
आखिर इतनी घडीया क्यों

थोड़ी हिम्मत कि पंडित ने
पूछ लिया यमराज से यों

यम दरबार में प्रभु इन घड़ियों का क्या काम
क्यों लिखा है हर घड़ी के नीचे दुनिया के हर देश का नाम

यह सुन बोल उठा यमराज की पंडित यह है भ्रष्टाचार की घड़ियां
जिस देश की घड़ी की सुई में तेजी उसकी शासन व्यवस्था घटिया

यह सुनकर पंडित खुश हुआ वाह भारत में भ्रष्टाचार नहीं है
क्योंकि दुनिया की इन घड़ियों में भारत की घड़ी नही है

ज्यादा खुश मत हो पंडित फिर बोल उठा यमराज
भारत की घड़ी इनमें नहीं है इसका बताता हूं मैं राज

बोफोर्स से लेकर PNB तक
नेताओं की पोल खोल रहा है
इसीलिए तो भ्रष्टाचार भारत भू पर डोल रहा

पहले कोयला, फिर 2g फिर कॉमनवेल्थ आया।
सरकार भी बदली पर भ्रस्टाचार मिट नही पाया।

व्यापम देखो, अगस्ता देखो, देखो बैंक लूटने वाले
900 करोड़ का चारा खाकर, केवल 3 साल जेल जाने वाले।

स्नेपडील के सीईओ ने भारत को बताया गरीब राष्ट्र
स्विस बैंक भी हस पड़ा, बयान था कि बकवास

कोन है विजय माल्या, ललित नीरव है कोंन।
लगता है अब बैंक भी पासपोर्ट जप्त कर देगा लोन।

घोर भ्रष्टाचार से पंडित तेज हो जाए घड़ी की सुई इतना वेग सहन न करके धरती पर गिर जाए यूं ही

शासन के उन नेताओं का नाम है गद्दार।में

सिद्ध फैसला घड़ी का नहीं लगाया दरबार में

भ्रष्ट नेताओं के विरोध में जनता का खून खौल रहा है

और भरी जनता में ज्योति प्रकाश खुले शब्दों में बोल रहा है ©

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