पत्रकार में एक गुण नही बल्कि वह गुणों का सम्राट है। तभी वो पत्रकारिता कर पाता है। जो इन गुणों से वंचित रह जाता है वह इस पेशे से दूर हो जाता है। पत्रकारिता के विशेषताओं पर आपके आशीर्वाद से एक कविता बनाई है। मार्गदर्शन करें।
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वह जनचेतना लाता है, वह पहाड़ो से टकराता है।
वह जागरण का प्रहरी, वह कुरुतियाँ मिटाता है।
वह समीक्षक वह संपादक वह सहयोगी वह प्रेषक है।
शिक्षकों का शिक्षक वह, बुद्धिजीवी विश्लेषक है।।
वह लोकनायक वह लोकगुरु, वह मर्करी कहलाता है।
इतने तत्वों को ढालकर वह पत्रकार कहलाता है।
वह विचार भावना का सारथी, उसमे घटनाओं की सीरत है।
वह प्रगति शील, वह संतोषी वह निर्भीकता की मूरत है।
वह ज्ञानी है वह कर्मयोगी, वह प्रतिभा का चेहरा है।
वह भ्रमणशील वह अडिग है वह साहसी कुशल चितेरा है।
वह गुप्तचर वह वॉचडॉग, वह परिवर्तन को लाता है।
इतने तत्वों को ढालकर वह पत्रकार कहलाता है।।
वह सूंघता है, वह खोजता है, वह खोदता है, वह लिखता है।
वह संवारता है वह पकाता है, वह सजाता है, वह बनाता है।
अर्थ समाज राजनीति से सम्बद्ध, दर्शन व इतिहास का ज्ञाता है।
वह लक्ष्यनिष्ठ वह सत्यव्रती, वह नेताओं का नेता है।
वह टीकाकार, वह सलाहकार, वह साहित्यकार कहलाता है।
इतने तत्वों को ढालकर वह पत्रकार कहलाता है।। "
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वह जनचेतना लाता है, वह पहाड़ो से टकराता है।
वह जागरण का प्रहरी, वह कुरुतियाँ मिटाता है।
वह समीक्षक वह संपादक वह सहयोगी वह प्रेषक है।
शिक्षकों का शिक्षक वह, बुद्धिजीवी विश्लेषक है।।
वह लोकनायक वह लोकगुरु, वह मर्करी कहलाता है।
इतने तत्वों को ढालकर वह पत्रकार कहलाता है।
वह विचार भावना का सारथी, उसमे घटनाओं की सीरत है।
वह प्रगति शील, वह संतोषी वह निर्भीकता की मूरत है।
वह ज्ञानी है वह कर्मयोगी, वह प्रतिभा का चेहरा है।
वह भ्रमणशील वह अडिग है वह साहसी कुशल चितेरा है।
वह गुप्तचर वह वॉचडॉग, वह परिवर्तन को लाता है।
इतने तत्वों को ढालकर वह पत्रकार कहलाता है।।
वह सूंघता है, वह खोजता है, वह खोदता है, वह लिखता है।
वह संवारता है वह पकाता है, वह सजाता है, वह बनाता है।
अर्थ समाज राजनीति से सम्बद्ध, दर्शन व इतिहास का ज्ञाता है।
वह लक्ष्यनिष्ठ वह सत्यव्रती, वह नेताओं का नेता है।
वह टीकाकार, वह सलाहकार, वह साहित्यकार कहलाता है।
इतने तत्वों को ढालकर वह पत्रकार कहलाता है।। "
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