Sunday, 19 January 2020

चाय और मैं !

#चाय। बस.. ये 2 शब्द ही जुबां पर मिठास ला देते है, स्वाद तो फिर अलग बात है। #International_Tea_Day
चाय तो मुझे शुरू से ही पसंद है। चाय का इतना शौक की देह को चीर के देख लो, रक्त से ज्यादा चाय निकलेगी। इतना कि एक कप चाय में आप मुझसे कोई भी राज उगलवा सकते हो। 😀😀 बिस्किट के साथ हम भी पिघल जाते है चाय में। 😜 जनवरी की सर्द हवाओ को चाय हिमालय की ढाल जैसे रोकती है। 
ओर भई चाय के साथ अगर पकोड़े हो तो ....... सोरी सोरी। कोंग्रेसी नाराज हो जाएंगे 😜 
इंडिया का चाय से बड़ा प्यारा नाता है। एक चाय वाला पीएम बन जाता है। एक आर्मी अफसर (अभिनन्दन) चाय पीने पाकिस्तान चला जाता है। यूं कहो कि दुनिया में भारतीय शब्दो मे 'नमस्ते' के बाद 'चाय' ही सबसे पॉपुलर वर्ड है। 
मैं तो बोलता हूं कि असम में जारी हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए मोदी जी को असम के बागानों की चाय पर कोई घोषणा कर ही देनी चाहिए। 😀 
चाय से याद आया जब मैने पहली चाय बनाई। जाने कोन विद्वान था वो जिसने ये बताया कि चाय में जितनी चीनी डालते है उतनी ही पत्ती डालते है। मेने चाय में 5 चम्मच पत्ती डाल दी। 😜
खैर छोड़ो। इतना समझो कि चाहे जीडीपी 2 पर आ जाये, रुपया गिर जाए, महंगाई आसमान छू जाए लेकिन चाय और पार्लेजी मिलेंगे तो 5 रुपये में ही 😊 
मोदी जी। प्याज और टमाटर तक ठीक है। लेकिन चाय के दाम बढ़े तो बस असम से ज्यादा हिंसक प्रदर्शन होगा 😀 
चलो चाय पर चर्चा कर रहे तो एक शायरी याद आ रही है 😊
'ताउम्र जलते रहे है धीमीं आंच पर... 
तभी ये इश्क़ और चाय मशहूर हुए है...😀

अंत मे इतना कहूंगा कि -
जो वक्त के साथ बदल जाये उसे राय कहते है।
जो कभी ना बदले उसे चाय कहते है।।
सभी को अंतरराष्ट्रीय #चाय दिवस की हार्दिक बधाई 😀🙏🙏

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