हम कई बार अपने ego में रहते है। कि उसका msg नहीं आया। मैं क्यों करूँ। ऐसे साल गुजर जाते है और वो फिर वो रिश्ते लुप्त हो जाते है। #sj_feeling
हम आगे होकर बात भी कर ले तो सामने से संतुष्टि पूवर्क जवाब नहीं मिलता। उस तरह की बातें नहीं होती जो पहले होती थी। फिर हम सोचते है कि चलो उड़ जाने दो इन परिंदों को। लौट आएंगे वापस। लेकिन हकीकत ये है परिंदों के लिए स्थाई आशियाने नहीं होते। जंहा कही पेड़ दिखाई दिया, उसी डाल पर घोसला बन जाता है।
यहां किसी को किसी से कोई मतलब नहीं है। अरसे गुजर जाने के बाद भी कोई ये नहीं पूछता की कैसा है या केसी है।
अजीब बात है लेकिन ये सच है कि अब किसी से बात करने के लिए भी सवाल पूछने पड़ते है। जबरदस्ती व्हाट्सअप पर नाइस डीपी बोलना पड़ता है। ताकि उधर से थैंक्यू रिप्लाई आये और बात आगे बढ़े।
इसलिए फ्री का ज्ञान ये है जितना वक्त जिसके साथ मिल है खुलकर जिया जाए। और आगे भविष्य की एक्सपेक्टेशन ना रखें। हर नई डगर पर नए दोस्त बनते है, पुराने पीछे छूट जाते है। या हो सकता है हम छोड़ देते है। उन दोस्तों के बिना जीना सीख जाते है। नए लोगों में घुल जाते है। उधर से भी अब होली दीवाली का कोई msg नहीं आता, और हम भी नहीं करते। Miss you शब्द भी अब झूठ की बुनियाद पर खड़ा है।
No comments:
Post a Comment