#mustRead #sj_feeling
पॉलिटिक्स एक गन्दी नाली है। जो गिरता है, कीचड़ से लथपथ हो जाता है। ये पॉलिटिक्स सत्ता की कुर्सी तक ही सीमित नहीं है, हमारे निजी जीवन में भी देखने को मिलेगी। उन लोगों से दूरियां बना लेनी चाहिए जो आज आपके सामने पॉलिटिक्स खेल रहे है कल उनके सामने खेलेंगे।
दसअसल गुस्सा उन पर नहीं आता जिनसे आपके मतभेद हुए है। मतभेद होते रहते है। जीवन का अभिन्न अंग है। मन भेद नहीं होना चाहिए। हाँ तो मैं क्या बता रहा था..
हाँ.... गुस्सा उन पर नहीं आता जिनसे मतभेद हुए है, गुस्सा उन पर आता है जो 2 लोगों की लड़ाई में पड़कर इधर उधर की बाते करते है। यहां तक कि पुरुष भी इनमे शामिल है। आपके सामने उनकी बुराई करेंगे और उनके सामने आपकी।
जिन लोगों के मतभेद हुए है वो तो साल दो साल बाद फिर से हाय हेलो कर सकते है। नादानियाँ भुलाकर। लेकिन क्या उनको भुला दिया जाए जिन्होंने एक पक्ष की ही सुनी और दूसरे पक्ष के बारे में अनाप सनाप मनगढंत बाते बनाकर जज करते है। बिना किसी तथ्य के। अगर आप उस बन्दे को सच मे अपना दोस्त मानते है तो आप कैसे किसी को बिना किसी लॉजिक के गलत ठहरा सकते है। बिना उसकी बात सुने।
ऐसे पॉलिटिक्स करने वाले को अपनी जिंदगी से निकाल देना चाहिए। वो स्वार्थी होते है। जिधर पलड़ा भारी दिखा उधर घूम जाते है। ऐसे पॉलिटिक्स करने वाले लोगो के कॉन्टेक्ट आपकी फ़ोन बुक में नहीं रहनी चाहिए।
धन्यवाद।
नोट : फिलिंग है, मन किया तो लिख दिया। कोई कमेंट में ये ना पूछे कि 'क्या हुआ' ? 😀😀
पॉलिटिक्स एक गन्दी नाली है। जो गिरता है, कीचड़ से लथपथ हो जाता है। ये पॉलिटिक्स सत्ता की कुर्सी तक ही सीमित नहीं है, हमारे निजी जीवन में भी देखने को मिलेगी। उन लोगों से दूरियां बना लेनी चाहिए जो आज आपके सामने पॉलिटिक्स खेल रहे है कल उनके सामने खेलेंगे।
दसअसल गुस्सा उन पर नहीं आता जिनसे आपके मतभेद हुए है। मतभेद होते रहते है। जीवन का अभिन्न अंग है। मन भेद नहीं होना चाहिए। हाँ तो मैं क्या बता रहा था..
हाँ.... गुस्सा उन पर नहीं आता जिनसे मतभेद हुए है, गुस्सा उन पर आता है जो 2 लोगों की लड़ाई में पड़कर इधर उधर की बाते करते है। यहां तक कि पुरुष भी इनमे शामिल है। आपके सामने उनकी बुराई करेंगे और उनके सामने आपकी।
जिन लोगों के मतभेद हुए है वो तो साल दो साल बाद फिर से हाय हेलो कर सकते है। नादानियाँ भुलाकर। लेकिन क्या उनको भुला दिया जाए जिन्होंने एक पक्ष की ही सुनी और दूसरे पक्ष के बारे में अनाप सनाप मनगढंत बाते बनाकर जज करते है। बिना किसी तथ्य के। अगर आप उस बन्दे को सच मे अपना दोस्त मानते है तो आप कैसे किसी को बिना किसी लॉजिक के गलत ठहरा सकते है। बिना उसकी बात सुने।
ऐसे पॉलिटिक्स करने वाले को अपनी जिंदगी से निकाल देना चाहिए। वो स्वार्थी होते है। जिधर पलड़ा भारी दिखा उधर घूम जाते है। ऐसे पॉलिटिक्स करने वाले लोगो के कॉन्टेक्ट आपकी फ़ोन बुक में नहीं रहनी चाहिए।
धन्यवाद।
नोट : फिलिंग है, मन किया तो लिख दिया। कोई कमेंट में ये ना पूछे कि 'क्या हुआ' ? 😀😀
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