19 sep. 2007, स्टुअर्ड ब्रॉड की बॉल पर इंग्लैंड के खिलाफ उसने 6 बॉल पर 6 छक्के लगाकर क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम पन्नो में अपना नाम दर्ज किया था। #sj_thought
ये खिलाड़ी मेरा ऑलटाइम फेवरेट रहा है। हो भी क्यों ना हो, हर icc के टूर्नामेंट में वो सितारों की तरह चमक उठता था। सन 2000 का अंडर 19 वल्र्डकप देखो या 2007 का t20 वर्ल्डकप. 2011 के विश्वकप का हीरो भी यही था जब इसे मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला। यू ही नही इसे सिक्सर किंग कहा जाता है। सहवाग, सचिन के साथ अगर हमारी ललक कोसी ओर खिलाड़ी को देखने की रही तो युवराज ही था। युवराज भारतीय क्रिकेट का स्वर्णिम पन्ना था।
उसके रिटायरमेंट के अवसर पर बस इतना ही कहना है -
मैं योद्धा कहूंगा, तुम युवराज समझना।
युवी आप सबके लिए प्रेरणास्रोत रहे है की आपने किस तरह केंसर की जंग लड़ी। एक नई जिंदगी पाई। और फिर योद्धाओं की तरह मैदान पर आ गए।
मलाल रहेगा की हरफनमौला खिलाड़ी के लिए भी Bcci ने कोई विदाई मैच का आयोजन नही किया।
खैर आप रहे ना रहे, हम सब के अंदर एक युवराज हमेशा जिंदा रहेगा।
ये खिलाड़ी मेरा ऑलटाइम फेवरेट रहा है। हो भी क्यों ना हो, हर icc के टूर्नामेंट में वो सितारों की तरह चमक उठता था। सन 2000 का अंडर 19 वल्र्डकप देखो या 2007 का t20 वर्ल्डकप. 2011 के विश्वकप का हीरो भी यही था जब इसे मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला। यू ही नही इसे सिक्सर किंग कहा जाता है। सहवाग, सचिन के साथ अगर हमारी ललक कोसी ओर खिलाड़ी को देखने की रही तो युवराज ही था। युवराज भारतीय क्रिकेट का स्वर्णिम पन्ना था।
उसके रिटायरमेंट के अवसर पर बस इतना ही कहना है -
मैं योद्धा कहूंगा, तुम युवराज समझना।
युवी आप सबके लिए प्रेरणास्रोत रहे है की आपने किस तरह केंसर की जंग लड़ी। एक नई जिंदगी पाई। और फिर योद्धाओं की तरह मैदान पर आ गए।
मलाल रहेगा की हरफनमौला खिलाड़ी के लिए भी Bcci ने कोई विदाई मैच का आयोजन नही किया।
खैर आप रहे ना रहे, हम सब के अंदर एक युवराज हमेशा जिंदा रहेगा।
No comments:
Post a Comment