Saturday, 2 November 2019

कॉपी पेस्ट की दुनिया

नॉलेज को मूर्त रूप देना ही प्रैक्टिकल कहलाता है ना। खेद है कि आजकल प्रैक्टिकल बस एक फैशन हो गया। #sj_thought
लैला-मजनू, पारो-देवदास, सलीम-अनारकली, मोदी-शाह के बाद अगर कोई जोड़ी फेमश हुई है तो वो है कॉपी-पेस्ट..
हम इसी कॉपी पेस्ट की दुनिया का हिस्सा है। कही न कही से कॉपी पेस्ट कर ही लेते है। ऐसा नही है कि थॉट हममे उत्पन्न नही होते, बस हम कोशिश नही करना चाहते। सोशल मीडिया पूरा कॉपी पेस्ट से भरा पड़ा है। हम सोचना ही नही चाहते। क्योंकि दिमाग तो दूसरों की लाइफ में दखल देने के लिए है। दुसरो की बाते बनाने के लिए है। थॉट कहाँ से उत्पन्न होंगे। सच बताऊ तो अगर कॉपी पेस्ट का ऑप्शन हटा दिया जाए तो आधे से ज्यादा ट्विटर यूजर कम हो जाएंगे। मेने खुद ने मेरी पोस्ट में देखा है कि लोग बिना thankyou बोले धड़ाधड़ कॉपी पेस्ट में लगे है। तो कहां था मैं ???
हाँ प्रैक्टिकल फ़ाइल पर।
हमारे डिपार्टमेंट में 80% लोग file भी internet से कॉपी पेस्ट कर रहे है। कुछ धुरंधर थे जिन्होंने कारण बताया कि ग्रैजुएशन में उन्हीने बड़ी मेहनत से अपने थॉट से file तैयार की और टीचर्स ने कॉपी पेस्ट वालो की तारीफ की तो दिल मायूस हो गया। ये सुनकर मेरे लफ्ज खामोश हो गए। कॉपी पेस्ट की प्रणाली को बढ़ावा जिम्मेदार लोग ही दे रहे है। हमारे ही पत्रकारिता में देखो, रिपोर्टर को खबर लिखने में जोर आता है तो उसने दूसरे पोर्टल की सेम खबर को कॉपी पेस्ट कर डेस्क पर भेज दिया। जैसे हमारे माथे पर बड़ा C लिखा है। जैसे हमको पता ही नही है की कोंन चीज़ कॉपी है। सीनियर एडिटर तो हेडिंग देखकर समझ जाते है कि ये कॉपी पेस्ट है।
तो मैं बता रहा था कि टीचर्स की वजह से लोग कॉपी पेस्ट करने में लगे है। जमाना है ही नही थॉट apply करने का। लोग तो p.hd भी कॉपी पेस्ट से ही हो रही है।
जाते जाते इतना बताना चाहूंगा कि ये कॉपी पेस्ट वाले वही लोग है जो फूंक कर जमीन पर गिराई सिगरेट को उठाकर पीते है। ,🙄😘

टीवी अब सिर्फ 7 से 9 तक

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अब गर्त पर है। टीवी अब शाम 7 से 9 बजे तक सीमित रह गई। #sj_thought 💓🙏
जिओ क्रांति आने के बाद अब टीवी से किसी को कुछ मतलब नही। हम उस दौर से गुजर के आये है या यूं कहें कि हम वो अंतिम पीढ़ी है जिसने टीवी को न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम बनाया बल्कि उसमे हमारी सांसे बस्ती थी। वो वक्त था जब केवल DD-1 ही था। जब मौसम में खराबी पर ऊपर छत पर जाकर एंटीना सुधारा जाता था। जब महाभारत और रामायण चलते थे तो पूरा पड़ोस इकट्ठा हो जाता था। दूसरे दिन गली क्रिकेट में बेटिंग उसी की आती थी जिसके घर मे टीवी होती थी। कुछ सीरियल तो मुझे आज भी याद है जिन्होंने उत्तर भारत को हर एपिसोड के लिए बेचैन किया है।
रंगोली
चित्रहार
शक्तिमान
जूनियर जी।
मेहर
आप बीती
हवाएं
डिटेक्टिव करण
राजा रेन्चु
नरगिस
कुंती
रामायण
महाभारत
विष्णु पुराण
मैं जानता हूँ कि ये सब नाम सुनकर आप मुस्करा उठे, 😊क्योंकि ये सिर्फ सीरियल नही थे बल्कि लोगों की सुबह शाम की रोटी थी। इन्हें देखे बिना नींद नही आती थी।
आज टिवी की भारी दुर्गति देख रहा हूँ। मैं फिर से कह रहा हूँ टीवी अब शाम 7 से 9 बजे तक सीमित रह गया। सब मोबाइल की दुनिया मे जीने लग गए। अब टीवी रहे ना रहे, एंटरटेनमेंट तो फिर भी रहेगा। ❤️😘🙏

हम सब में एक युवराज हमेशा जिंदा रहेगा

19 sep. 2007, स्टुअर्ड ब्रॉड की बॉल पर इंग्लैंड के खिलाफ उसने 6 बॉल पर 6 छक्के लगाकर क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम पन्नो में अपना नाम दर्ज किया था। #sj_thought
ये खिलाड़ी मेरा ऑलटाइम फेवरेट रहा है। हो भी क्यों ना हो, हर icc के टूर्नामेंट में वो सितारों की तरह चमक उठता था। सन 2000 का अंडर 19 वल्र्डकप देखो या 2007 का t20 वर्ल्डकप. 2011 के विश्वकप का हीरो भी यही था जब इसे मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला। यू ही नही इसे सिक्सर किंग कहा जाता है। सहवाग, सचिन के साथ अगर हमारी ललक कोसी ओर खिलाड़ी को देखने की रही तो युवराज ही था। युवराज भारतीय क्रिकेट का स्वर्णिम पन्ना था।
उसके रिटायरमेंट के अवसर पर बस इतना ही कहना है -
मैं योद्धा कहूंगा, तुम युवराज समझना।
युवी आप सबके लिए प्रेरणास्रोत रहे है की आपने किस तरह केंसर की जंग लड़ी। एक नई जिंदगी पाई। और फिर योद्धाओं की तरह मैदान पर आ गए।
मलाल रहेगा की हरफनमौला खिलाड़ी के लिए भी Bcci ने कोई विदाई मैच का आयोजन नही किया।
खैर आप रहे ना रहे, हम सब के अंदर एक युवराज हमेशा जिंदा रहेगा।

हद से ज्यादा व्हाट्सएप स्टेटस : इरिटेटिंग

कभी कभी हद से ज्यादा व्हाट्सअप स्टेटस लगाना भी आपकी वैल्यू कम कर देता है #sj_thought 😂
एक वक्त के बाद कोई देखना ही पसंद नही करता,ओर इम्पोटेंट स्टेटस रद्दी में चले जाते है 😂😂
ऐसे लोगो को मैं सीधा mute करता हूँ। 😃 हद है याद खाना खाओ तो चम्मच का फोटो, तो कभी ओर कुछ नही मिला तो बादलो की फ़ोटो, घर मे तरबूज लाओ तो उसकी फोटो, कूलर में पानी डालते हुए की फ़ोटो, ओर तो ओर एक ही ड्रेस की एक ही स्टाइल की 20-30 फ़ोटो स्टेटस पे डाल देते है। 🙄
इतने भी स्टेटस क्या काम के की छोटे छोटे बिंदुओं का बड़ा नीला सर्किल ही बन जाये 🙄
एक कहावत है जितना आप कम बोलोगे आपकी बात उतने ज्यादा लोग सुनेंगे। ठीक इधर, जितना कम स्टेटस लगाओगे, व्यूज उतने ही ज्यादा मिलेंगे। 

आज मेने कुछ नया हासिल किया : आधी रात में उस अधेड़ की मदद

mustRead
वो अधेड़ आयु के शख्श थे, जो रात 9:30 बजे पसीने से लथपथ अपनी स्कूटी को घीसकर ले जा रहे थे। #sj_thought
मैं उस वक्त एक रेस्टोरेंट पर खाना खाकर रूम की तरफ आ रहा था। कबीर सिंह का रिव्यू पढ़ते हुए। इस बीच मेने देखा कि लगभग 50-55 साल का वो शख्श स्कूटी के हेंडल थामे रास्ता नाप रहा है। उसके नैन बार बार मंजिल की तरफ जा रहे थे, ये उम्मीद लगाए की अब आ गया पेट्रोल पंप। स्कूटी का पेट्रोल खत्म हो गया था, लेकिन यहां से पेट्रोल पंप 1 km दूर था। 
मेने इग्नोर किया और कबीर सिंह के रिव्यू पर फोकस किया। लेकिन पता नहीं क्यों बार बार दिल कर रहा था कि कुछ पीछे छूट गया। मैं उससे लगभग 100 मिटर आगे आ गया था। मेने सोचा कि इस जगह मेरे पापा होते तो भी मैं क्या ignore करता।
मेरे पैर सरपट दौड़ पड़े उस अंकल की ओर। मेने उनसे बिना किसी बात किये बोला ' अंकल आप स्कूटी पे बैठिए, मैं लगाता हूँ धक्का' 
अंकल कुछ कहते उससे पहले ही मैं धक्का लगाने लग गया। उनको जिद्द कर बैठाया। और पेट्रोल पंप तक ले गया।
ये सांसे पता नही क्यों नही फूली। पता नही क्यों मैं नही हांपा, पता नही क्यों मेरे पसीने नही आये। शायद ये मदद की एक छवि थी। मैं 1 km दूर से फिर पैदल आया लेकिन मेरी रगों में खुशी दौड़ रही थी। मेरे चेहरे पर एक असाधारण मुस्कान थी। और फिर ये सोचकर खुश था कि रूटीन की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में मैने आज कुछ नया हासिल किया। और वो था - 'Thankyou

बारिश आपका काम देखकर नहीं आएगी

When summer is so hot :- ' काश एक बार बारिश आ जाये बस। गर्मी से राहत मिल जाएगी। थोड़ा बहुत टेम्प्रेचर कम होगा ही। #sj_thought
When Rain fall : - ' ये बारिश का तो टाइम ही खराब है। चारो तरह कीचड़ और कीच कीच। ऊपर से लाइट और नही। इस बारिश को भी अभी आना था क्या '
When No proper rain till October :- है राम। इस साल इतनी कम बारिश क्यो हुई। बांध नही भरे। पैदावार नही हुई। कैसे गुजरेगा 1 साल।
🙄🙄 😏😏🙏🙏
बारिश प्रकृति का वरदान है। इसे आशीर्वाद समझ कर ग्रहण करे। बारिश आपके काम को देखकर नही आएगी। बारिश का टाइम है इसलिए बारिश आएगी। चाहे लाइट कटे, ऑफिस की बस छुटे, कॉलेज का प्रैक्टिकल रदद् हो जाये, शादी रुके या जन्मदिन की पार्टी केंसिल हो जाये, बारिश का सम्मान कीजिये, अभी नही आएगी तो कब आएगी।

वर्ल्डकप सेमीफाइनल हारने के बाद का दुख

UPSC Exam फाइट करने के बाद Interview में फेल हो जाना, कुछ ऐसा हो रहा है। #sj_feeling
महज 2 मार्क्स से सरकारी नौकरी के लिए चूक जाना, कुछ ऐसा हो रहा है।
कुछ ऐसा हो रहा है, की जिसके नाम से धड़कन चलती हो वो हमें अचानक ब्लॉक कर दे।
कुछ ऐसा हो रहा है एवरेस्ट के नजदीक पहुंच गए, और तूफान आ जाये, और वापस लौटना पड़े।
कुछ ऐसा हो रहा है, 32 GB का वीडियो डाऊनलोड करे और 31.90 पर Error दिखा दे।
कुछ ऐसा की जिंदगी भर की यादें जिस लैपटॉप में हो उसकी हार्डडिस्क अचानक फॉर्मेट हो जाये।
कुछ ऐसा की कुम्भ के अंतिम स्नान के लिए जाने वाली ट्रेन छूट जाए।
क्रिकेट मेरे लिए खेल नहीं है। ये जुनून है। क्रिकेट मेरे खून में बसता है। इस हार को मैं पचा नहीं पा रहा। मैं धोनी के उस रनआउट को भुला नही पा रहा हूँ। लेकिन फिर भी मैं मेरे मुल्क के सभी खिलाड़ियों का सम्मान करता हूँ। मैं आग्रह करता हूँ उनको गाली नहीं दे। उन्होंने यहां तक पहुंचाया, वही बड़ी बात है।
अगर आपने उनके जीत पर जश्न मनाया है तो उनके बुरे वक्त पर भी साथ दीजिए।
हमारी टीम इंडिया सबसे बेहतरीन थी, है और रहेगी।
मैं केवल जीतने वाले भारत का प्रशंसक नहीं हूं। मैं टीम इंडिया का प्रशंसक हूं मैं अपनी टीम का समर्थन करूंगा चाहे जीत हो या हार।टीम इंडिया जीत जाती तो सर आंखों पर बैठा लेते हो, ओर हार जाती है तो कोई मौका नही चूकते हो नीचा दिखाने का और व्यंग करते हो वाह रे दोगले प्रशंसको ।

शिव का लिंग और सच्चाई

शिव निराकार है। उनका कोई आकार नहीं। जबकि शंकर का एक आकार है। #sj_feeling
शिव अनन्त है। शिव प्रारंभ है। जबकि शंकर शास्वत है।
Who the hell is asking that why you Why do you worship Shiva's penis।
Dear Sathi ! That is not panis.. वो लिंग नहीं ब्रमांड है।
शिव का आदि और अनंत नहीं है। वो परमब्रह्म है। वो ब्रह्मांड है। क्या ब्रह्मांड का कोई आकार होता है ???
नहीं ना। तो बस इसी वेदों और वेदांतो के अनुसार इसी ब्रह्मांड को एक लिंग मानकर पूजा जाता है।
Now You will be asking Why is the given name 'Ling' of this universe?
संस्कृत में लिंग का अर्थ होता है आकार। ब्रह्मांड को यह आकार दिया गया है।
अब सवाल रहा कि लिंग पर जल क्यों चढ़ाया जाता है।
तो भईया। ऐसी बात है कि समुद्रमंथन के वक्त जो विष निकला उसको भगवान शंकर ने पीकर पृथ्वी पर फैलने से बचाया था। तब उनका कंठ नीला और शरीर गर्म हो गया था। तब सृष्टि ने उसको शांत करने के लिए लिंग पर पानी डाला तभी से अब तक जल चढ़ाने की परंपरा स्टार्ट हो गई।
सभी को सावन के दूसरे सोमवार की हार्दिक बधाई।

साउथ के कुत्ते भी चपाती नहीं खाते

रक्षाबन्धन पर बनाई गई पूड़ियों में से कुछ पूड़ियाँ शेष रह गई थी। सोचा किसी जानवर को डाल दूं। #hyderabad
यहां गाये तो बहुत कम दिखती है। दिखाई देते है तो कुत्ते।
चूँ-चूँ करके उन कुत्तों को बुलाया। 😌 तेलगु में कैसे बुलाते है मुझे नहीं पता। 
एक साथ 4 कुत्ते आ धमके। पूड़ी 3 और कुत्ते 4. यही कशमकश लगी रही कि कोई भी कुत्ता भूखा न जाये।
पहले एक कुत्ते को हाफ पूड़ी डालकर कर देखा। लेकिन उसने सिर्फ सूंघ कर ही इग्नोर कर दिया। 😱 मेरी आँखें तन गई कि इसको क्या हुआ। मेरे रूममेट ने बोला कि एक बार हाफ की जगह फूल पूड़ी डाल। लगता है नाराज हो गया 🙄
मेने वो भी किया लेकिन किसी भी कुत्ते ने पूड़ी नहीं खाई। 😲बाद में एक तेलगु अंकल से पता चला कि यहाँ के लोगो की तरह यहां के जानवर भी नॉनवेज और ज्यादातर चावल खाते है। 🙁 सच बता रहे हैं बड़ा गुस्सा आया। अरे यार कुछ भी खाना है खाओ। जानवर भी क्षेत्रवाद अपनाते है। गुण तो वही है जो नार्थ इंडिया के कुत्तों में है। 😣वहीं गाड़ी के पीछे 100 मीटर तक भागना, टायर पर पेशाब करना। दुम हिलाना। अजनबी को देखकर भोंकना।😏 लेकिन रोटी और पूड़ी नहीं खाएंगे। मैं सोच रहा हूँ चीन के कुत्ते मोमोज और चाउमीन से पेट भरते है 🙄🙄..

उनको दिव्यांग कहना जरूरी है क्या


#KBC की सीट पर अमिताभ के सामने जयपुर की वो महिला बैठी थी। जिसका बेटा दिव्यांग था। उसने बताया कि वो थिएटर में इसलिए फ़िल्म देखने नहीं जाती क्योंकि वहां बैठे लोगों को उसके बेटे से प्रॉब्लम होती है।
अमिताभ ने कहा क्यों ना अलग से ऐसी व्यवस्था की जाए कि ऐसे बच्चों को भी फ़िल्म देखने का अवसर प्राप्त हो। 
महिला ने बात काटी ओर बोली - सर। मैं सोच रही थी कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि सभी लोगों के साथ मिलकर वो भी फ़िल्म देख सके। उनके लिए अलग से व्यवस्था करके तो हम उनको अलग थलग कर रहे है। उनको समाज का हिस्सा ही नहीं बना रहे है। उन्हें ये फील करवा रहे है कि वो असाधारण है। वो आम मनुष्य नहीं है।
अमिताभ अगले 5 सेकेंड तक सोचने पर मजबूर हो गए। उन्होंने कहा बात आपकी बिल्कुल ठीक है।
फिर बात चली दिव्यांग शब्द पर। अमिताभ ये वर्ड बार बार बोल रहे थे। 
इस बीच उस महिला ने एक बार फिर बोला - " सर इंसान है, इंसान रहने दीजिए ना। ये तो वही बात हो गई कि नारी या तो पैर की जूती बनती है या देवी। लेकिन को इंसान तो बनाता ही नहीं है। ऐसे ही दिव्यांग शब्द भी बहुत घातक है। हम फिर उनको असाधारण महसूस करवा रहे है। हम उनको बता रहे है की आप आम इंसान नहीं है। आप उस श्रेणी में नहीं आ सकते। 
ये शायद पहला मौका था जब अमिताभ सोचने पर मजबूर हो गए।

साहो का इससे घटिया रिव्यू नहीं मिलेगा 😊


साउथ में साहो का जबरदस्त क्रेज है। इतना कि प्रभास की फ़ोटो को फैन दूध से नहला रहे है। हर तरफ डाय हार्ड फैन।
इतना क्रेज देखकर आखिर मेने मूवी देखने की चेष्टा हासिल की। 😊
वो पहाड़ी से कूदता है। इससे पहले बेग फैंकता है। बेग उससे 10 मीटर आगे पहाड़ी से नीचे आ रहा है और जस्ट बेग के 10 मीटर पीछे वो। अब हमें ये बताएं कि गेलिलियो और न्यूटन ने ये गुरुत्वाकर्षण का रूल तो दिया था ना कि कोई भी वस्तु ऊंचाई से गिराए तो उसका वेग नियत रहेगा।
ऐसा इसलिए बोल रहा हूं कि क्योंकि थोड़ी ही देर बाद प्रभास उस बेग को पकड़ लेता है। सारी फिजिक्स का राम नाम सत्य। 😲
भाई ने इंजीनियरिंग की है लेकिन विज्ञान चकनाचूर इस मूवी में।🙁
रेस 3 को टक्कर देने वाली फिल्म है ये। पहली बार ऐसा हुआ कि मैं फ़िल्म खत्म होने का इंतजार कर रहा था। वही बात ' नाम बड़े दर्शन छोटे। ' अनाप सनाप गाने। हर दूसरे सीन में प्रभास नजर आता है। 😏
350 करोड़ लगे इस मूवी में। समझ नहीं आया खर्च कहाँ हुए?? हीरो हिंदी डायलॉग भी तेलुगु टोन में बोलता है। 😀
असल मे इस मूवी का नाम साहो की जगह 'सहो' होना चाहिए था। बस सहते रहो। 😭
This movie is only for prabhas die hard fan... Not for movie fan 😀
ओर हां। ये मूवी रिव्यू नहीं बल्कि मेरी फिलिंग है 😀🙏

निजी जीवन में भी पॉलिटिक्स

#mustRead #sj_feeling
पॉलिटिक्स एक गन्दी नाली है। जो गिरता है, कीचड़ से लथपथ हो जाता है। ये पॉलिटिक्स सत्ता की कुर्सी तक ही सीमित नहीं है, हमारे निजी जीवन में भी देखने को मिलेगी। उन लोगों से दूरियां बना लेनी चाहिए जो आज आपके सामने पॉलिटिक्स खेल रहे है कल उनके सामने खेलेंगे।
दसअसल गुस्सा उन पर नहीं आता जिनसे आपके मतभेद हुए है। मतभेद होते रहते है। जीवन का अभिन्न अंग है। मन भेद नहीं होना चाहिए। हाँ तो मैं क्या बता रहा था..
हाँ.... गुस्सा उन पर नहीं आता जिनसे मतभेद हुए है, गुस्सा उन पर आता है जो 2 लोगों की लड़ाई में पड़कर इधर उधर की बाते करते है। यहां तक कि पुरुष भी इनमे शामिल है। आपके सामने उनकी बुराई करेंगे और उनके सामने आपकी।
जिन लोगों के मतभेद हुए है वो तो साल दो साल बाद फिर से हाय हेलो कर सकते है। नादानियाँ भुलाकर। लेकिन क्या उनको भुला दिया जाए जिन्होंने एक पक्ष की ही सुनी और दूसरे पक्ष के बारे में अनाप सनाप मनगढंत बाते बनाकर जज करते है। बिना किसी तथ्य के। अगर आप उस बन्दे को सच मे अपना दोस्त मानते है तो आप कैसे किसी को बिना किसी लॉजिक के गलत ठहरा सकते है। बिना उसकी बात सुने।
ऐसे पॉलिटिक्स करने वाले को अपनी जिंदगी से निकाल देना चाहिए। वो स्वार्थी होते है। जिधर पलड़ा भारी दिखा उधर घूम जाते है। ऐसे पॉलिटिक्स करने वाले लोगो के कॉन्टेक्ट आपकी फ़ोन बुक में नहीं रहनी चाहिए।
धन्यवाद।
नोट : फिलिंग है, मन किया तो लिख दिया। कोई कमेंट में ये ना पूछे कि 'क्या हुआ' ? 😀😀

किसी के बारे में गलत धारणा बनाने से पहले सोचे

'वो बहुत घटिया लड़की है या वो बहुत वाहियात आदमी है। '
हमें चंद सेकेंड नहीं लगते किसी के बारे में परसेप्शन बनाने में। #sj_feeling
हर इंसान किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए बुरा होता है। कुछ लोग आपको पसंद करते है तो कुछ नापसंद। जो आपको नापसंद करते है वो आपको गन्दा इंसान कहेंगे तो क्या आप वाकई गन्दे हो??
हम इस लोक भंवर में फंसे है। आप चाहे कितना भी कोशिश कर लीजिए आप सबके लिए अच्छे नहीं बन सकते। आप अगर बॉलीवुड की मसाला मूवी को तरह थोड़े थोड़े सारे गुण भी रखते है तो भी आप सबके लिए ओषत ही रहेंगे। क्लोज तो नहीं बन सकते ना। क्लोजनेस तो आपके ओरिजिनल रूप से ही आएगी।
धारणा बनाना बहुत आसान है। आप उस व्यक्ति से मिले नहीं, बात की नहीं, वक्त गुजारा नहीं और धारणा बना दी जाती है कि ये वाहियात है। चीप है। अरे आदमी है भाई। धीरे धीरे परते उधेड़ता है। वक्त दो उसको। उसके बाद आपको फील होगा कि असलियत क्या है। क्या वाकई वहीं है जो सुनते आ रहे है।।

150th birth anniversary of mahatma gandhi

यू ट्युब पर एक चैनल है - मायो जापान. इसमें एक महिला भारतीयों से संबंधित कटेंट का चैनल पर प्रसारण करती है. एक बार उसने ऐसे में लगभग 15 जापानी लोगों से पूछा की भारत का प्रधानमंत्री कौन है. इनमें से एक भी ऐसा शख्स नहीं था जिसने भारत के प्रधानमंत्री का नाम बोला.
हम ही महान विदुषक है जो सरपंच छोड़ डोनाल्ड ट्रंप और क्लादिमीर पूतिन की बेमतलब की फिजुल बातों में अपना समय व्यतित कते हैं. महज 3 करोड़ की आबादी वाला देश हिरोशिमा और नाकासाकी जैसी भयानक त्रासदी के बाद भी आज दुनिया से 30 साल आगे जी रहा हैं. क्योंकि वो लोग अपने कार्य में ध्यान देते हैं. वो जो भी कार्य करते हैं उनमें 100 प्रतिशत देतें हैं और हम इंडियन नहाते वक्त भी बहन मायावती और मोदी करते रहते हैं. साबुन भी ढंग से नहीं लगा पाते इन वाहियात बातों पर.
खैर छोड़ों. आगे की बात करते हैं. तो क्या कह रहा था मैं. ???
हां....... तो वो महिला उन 15 लोगों को महात्मा गांधी की तस्वीर दिखाती है और कहती है क्या आप इनको जानते हैं. ताजूब होगा कि इनमें से लगभग 13 लोग एक झटके में बिना कुछ सोचे उत्तर देते हैं - 'महात्मा गांधी'.
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत की पहचान महात्मा गांधी के नाम से हैं. दुनिया के सभी बड़े विश्वविद्यालयों में जब भी महान लोगों की तस्वीरें उकेरी जाती है तो महात्मा गांधी की तस्वीर भी उनमें सबसे आगे रहती है. ठीक सुकरात और अब्राहम लिंकन के साथ.
आईये महात्मा गांधी की 150 वीं जयंति मनाते हैं. बेशक गोडसे देशभक्त होगा. लेकिन यह भी सच है कि गांधी जी ने खुद को गांधी बनाने में अपना पूरा जीवन लगा दिया. तीन बार बड़े-बड़े आंदोलन जिनमें देश के लाखों लोगों ने समर्पण किया उससे ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की हवाइयां हो गई थी.
उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते हैं.
भारत में छोटी सड़कों को छोड़कर महात्मा गांधी के नाम पर 50 से ज्यादा सड़के हैं. जबकि विदेशों में गांधी जी के नाम पर करीब 60 सड़के हैं. क्योंकि भारत में .......................... चलो छोड़ो. मेरे क्या काम.. नाराज हो जाएगें कई लोग.
महात्मा गांधी को 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, लेकिन उन्हें एक बार भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला. आशा है ये कार्य भी जल्द पूरा हो जाए.
दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गांधी जी को सम्मान देने के लिए गोल चश्मा पहनते हैं.

गांधी जी की 150 वीं जयंती

आने वाली पीढ़ियों को ये भरोसा ही नहीं होगा कि हाड़ मांस का कोई ऐसा व्यक्ति भी धरती पर कभी पैदा हुआ था। महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के ये कथन उस महामानव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है जिसे दुनिया महात्मा गांधी कहती है। #sj_thought
विभाजन को लेकर लाख गालियां देने वाले चाहे जितना गरियाओ लेकिन जिस शख्स की दुनिया के 110 देशों में प्रतिमा है, वो कोई साधारण व्यक्ति तो नहीं हो सकता.
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ इस शख्स ने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी थी इसके बावजूद ताजूब होगा कि वहीं इंग्लेंड अपने पार्लियामेंट के बाहर गांधी जी की प्रतिमा लगाए हुए है.
बापू की 150वीं जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।

साउथ में काले रंग की मूर्तियां

साउथ में ईश्वर की समस्त मूर्तियों को कृष्ण रंग में ढाला जाता है। एकबारगी समझ नहीं पाओगे किस भगवान की मूर्ति है।
आज नवरात्रि का चौथा दिन। एक ही जगह बहुत से मंदिर थे। मैं प्रतिमा के समक्ष हाथ जोड़े खड़ा मंत्रोच्चारित कर रहा था - " या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता'
इतने में पीछे से एक सज्जन बोलते है - " भैया गणेश जी है ये '

ओलम्पियन हार जाते है और गोपाल कांडा जैसे लोग भी जीत जाते है

गोल्ड मेडल विजेता बबीता, संदीप सिंह और योगेश्वर दत्त की प्रतिभा शायद गोपाल कांडा के कांड के आगे फिके पड़ गए, #sj_thought
वाह रे हरियाणा 😂😂
ये वहीं गोपाल कांडा है ना जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या कर ली। और उसके 6 महीने बाद उसकी मां ने भी आत्महत्या कर ली। अब तक BJP गोपाल कांडा पर स्याही छिड़कती आई थी, अब जब बहुमत कम पड़ गया तो गंगाजल छिड़क रही है। कोई पार्टी कम नहीं है। सत्ता गन्दी नाली है। सियासत के लिए कोई भी कुछ भी कर सकता है।
खैर। bjp ने तो सत्ता के लिए कश्मीर में PDP से भी गठबन्धन कर लिया था, गोपाल कांडा क्या चीज़ है।
लेकिन हरियाणा जैसे देशभक्त और खेलप्रेमी राज्य में योगेश्वर दत्त और बबीता का चुनाव हारना और गोपाल कांडा का चुनाव जीतना आश्चर्य है।
राजस्थान ने भी राज्यवर्धन सिंह राठौर को 2 बार जीतकर लोकसभा भेजा है।

दिवाली पर साड़ी या जीन्स


इस पर रंजना जायसवाल की एक कविता याद आती है। जब साड़ी और जीन्स में तकरार होती है। साड़ी जीन्स को गालियां देती है कि कुलटा, विदेशी, मेरे देश मे आकर मुझे ही बर्बाद कर दिया। मैं वैदिक काल से स्त्री की पहचान बनते आई हूं लेकिन आज लड़कियां तो क्या बूढ़ी औरतें भी तुझे पहनने से नहीं झिझकती। क्या है तुझमे ऐसा। छोटी बच्चियां मुझे पहनकर मम्मी की नकल करती थी पर तेरे आने के बाद मैं कही खो गई हूं। तेरे खिलाफ इतने फतवे जारी होते है फिर भी तू इस देश मे राज कर रही है। कॉलेज देखों या ऑफिस हर जगह लड़कियां तुझे ही पहनती है।
इतने में जीन्स बोली कि बहिन नाराज मत हो। बेशक मैं आज तुझ पर हावी हूँ पर जब भी कोई त्योहार आता है, मैं तड़पती हूँ कि कोई मुझे पहने। दीवाली पर जंहा देखो वहां कुंवारी लड़कियां भी तुझे पहनती है। जब भी घर मे कुछ फंक्शन हो, शादी का प्रोग्राम हो तो मैं दरकिनार कर दी जाती हूँ और तुम जीत जाती हो। भारतीय परिधान जीत जाता है। 
ये पोस्ट उन सभी बहिनो को समर्पित जिन्होंने लक्ष्मी पूजा के लिए भारतीय वेशभूषा का चयन किया है। 🙏😀 

वेशटर्न कल्चर हो रहा हावी : 21वीं सदी के बड़े परिवर्तन

पोस्ट सभी के लिए नही है। ये युग के परिवर्तन को दर्शा रही है। वेस्टर्न कल्चर कितना हावी हो रहा है, ये बता रही है। कोई नाराज ना हो।
ये 21 वीं सदी आपका स्वागत करती है।
● जिसमें सेक्स फ्री है। लेकिन प्यार महंगा।
● जंहा वर्जिनिटी खोने से ज्यादा बड़ा सदमा मोबाइल खोना है।
● अगर आपने अपने पार्टनर के साथ चीट नहीं किया तो आप स्मार्ट नहीं हो।
● जंहा बाथरूम एक फोटोस्टूडिओ है।
● जंहा i-phone हासिल करना B.sc या b.tech की डिग्री लेने से ज्यादा बड़ी सफलता मानी जाती है।
● जंहा ईमानदारी की वैल्यू नहीं और पैसे देकर नोकरी पाना आसान है।
● जंहा मंदिर और चर्च ऑफलाइन डेटिंग साइट में तब्दील हो रहे है।
● जंहा ईश्वर की पूजा करना बहुत कठिन कार्य है।
● जंहा महिलाएं HIV से ज्यादा प्रेग्नेंसी से ज्यादा डरेगी।
● जंहा एमबुलेंस से अधिक जल्दी पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय पहुंच जाता है।
● जंहा आप अब भी वेजेटेरियन है तो लोग आपको बड़ा C बोलेंगे।
● अगर आप अब भी पब नहीं गए तो आप मोहनजोदड़ो सभ्यता के आदिवासी है।
● शादी के बाद लड़की अगर एक दिन भी किचन सम्भाल ले तो खुद का अपमान समझने लगे जाती है।
● वो सर कटा लेगी लेकिन करवा चौथ का व्रत नहीं रखेगी।
Point aur badh sakte hai.. zamane ke according 🙏

सनातन संस्कृति और विज्ञान

भारतीय संस्कृति की यही विशेषता है। यहां ये आस्था के साथ शुरू होती है, तर्क चाहे कोई भी हो लेकिन विज्ञान भी मानने को तैयार हो जाता है। और इसके विरोध में आवाज नहीं उठ पाती है।
हम छठ पर्व पर उगते सूर्य को अर्ध्य देते है। वो भी जल में खड़े रहकर। सूर्य की बहिन छठ मैया की अनुकम्पा बनेगी जो बनेगी लेकिन सूर्य से उषा काल मे आने वाली फार इंफ़्रा रेंज भी हमको मिलेगी जो फ्री का केल्शियम है। विटामिन D को प्रचुर मात्रा है। जिसके दम पर हम पूरे दिन भर कार्य कर सकते है। बिना थके। #sj_feeling
देखिये ना इस संस्कृति की विशेषता जो डूबते सूरज को प्रणाम करती है। ये बताती है कि बुजुर्ग भी हमारे लिए उतने ही पूजनीय है जितने धरती पर आए वाले नवजात।
देखिए ना। हम कहते है पीपल के पेड़ में लक्ष्मी का वास होता है। उसको पूजिये। उसको काटिये नहीं। पाप लगता है। विज्ञान कहता है कि पीपल का पेड़ है एकमात्र ऐसा पेड़ है जो 24 घण्टे आक्सीजन देता है।
हम रात को पेड़ को छूते नहीं। हमारा मानना है कि पेड़ो में भी प्राण है। वो भी सोते है। विज्ञान भी तो यही कहता है कि पेड़ भी सजिव है। 😊
हमारे श्री कृष्ण ने तो पूरे गोकुल में डंका बजा दिया था कि दीवाली के दूसरे दिन इंद्र की पूजा करने के बजाय पहाड़ों की पूजा करो, वृक्षों की पूजा करो। इन्हीं से तो बारिश आती है। दीवाली के दूसरे दिन इसीलिए हम प्रकृति की पूजा करते है। उसी गोबर को खाद के रूप में खेतों में डालते है।
हम कहते है भोजन को झूठा छोड़ोगे तो अगले जन्म में अन्न नहीं मिलेगा। ये कहावत भी भोजन के सम्मान को दर्शाती है।
हम कहते है पानी को बहाओगे तो जल देवता नाराज हो जाएंगे।
वो बात अलग है कि कोई जल देवता है भी की नहीं। लेकिन ये संस्कृति सदियों से प्रकृति के संसाधनों को बचाने की अपील करती आई है। इसलिए यूनान, रोम और अन्य संस्कृतियां जहां विलुप्त हो गई, हमारी संस्कृति सदियों बाद भी जीवित है। by the way..
Happy chatt pooja 🙏

Saturday, 18 May 2019

रिजल्ट हमारा ओर चिंता पड़ोसियों को

मुझे यह समझ नही आता कि एग्जाम रिजल्ट अपना आ रहा हूं, ओर चिंता पड़ोसियों को क्यों होती है ?
जैसे ही रिजल्ट घोषित हुआ, पड़ोसियों के नव विद्वान बच्चे हाथ मे मोबाइल लेकर ' India Result' की साइट खोलते हुए नजर आते है।
रिजल्ट अच्छा आया तो दुखी होते है, 100 ग्राम खून कम हो जाता है। रिजल्ट बुरा आया तो घर आकर जानबूझकर जले पर नमक छिड़कने आते है, ओर अपनी कटाक्ष पूर्ण वाणी को प्रदर्शित कर बड़े ही आराम से पूछते है " रिजल्ट क्या रहा ?? ' 
जबकि हमको पता रहता है कि बन्दा पहले ही इंटरनेट की दुनिया से गुजरकर फिर घर पर आया है। 😃😃

हद तो तब हो जाती है जब 85% बनाने वाली की अगर 70% बनती है तो बड़े ही जोर से हंस के कहते है ' मिठाई खिला 😃😃
अरे भाई। यहां तो ऐसी तैसी हुई जा रही है और तुम लोग आग में घी डालने आ जाते हो।
चलो कोई ना। हमे भी फिर यही बोलना पड़ता है ' खिलाएंगे , सावन के प्रथम सोमवार को।
फिर बारी आती है घरवालों की। डांट फटकार का सिलसिला रुकता नही, जैसे हमने बलात्कार कर समाज मे घोर निंदनीय व घिनोना काम कर दिया😂
पर बेचारे पड़ोसियों के सामने क्या कहे । यही कहना पड़ता है " माको छोरो तो आईपीएल देखबा ने रेग्यो, नही तो अखबार में फ़ोटो आती। ' 😂😂

चलो कोई ना। लेकिन हैरत की बात तो तब होगी जब रिजल्ट के दिन बुआ की ननद की बेटी की भाभी का भी कॉल आ जाता है ' आपणे छोरा के कतनी बनी ?? " 😂😂
तब जोरदार गुस्सा आता है। साला जमी में झुककर प्रणाम करो, तब भी ढंग से आशिर्वाद नही देती । कभी जिंदगी में मेरे लिए कॉल किया नही। कभी मैं बीमार पड़ा तो कुशलक्षेम पूछी नही, ओर मेरे रिजल्ट की बड़ी चिंता है डायन को।
खैर हमे तो फिर भी जितनी बनी है उससे 5% ज्यादा बतानी है। होता कुछ नही, बस आत्मसंतुष्टि मिलती है।😃😃 हमने खोई भी तो 5 % है।
ज्यादा बोल गया तो क्षमा चाहता हूं, वैसे बिगाड़ेंगे तो आप मेरा वैसे

सिस्टर को इस तरह पागल बनाया मेने

मार्केलो : An incident with #unique_saloni 😃👇 
दरअसल हुआ यूं कि मार्केट से आते वक्त मैं घर पर आम लेकर आया था... इस सीजन में ये मौका था जब मैने आम खरीदे, इससे पहले kbhi ना खरीदे। आम की खरीद फरोख्त हमेशा पापा ही किया करते है। मुझे अनुभव नही की किस प्रकार के आम खरीदे जाए, इसलिए गलती हो गई और केरी जैसे कच्चे व कठोर आम मेरी भारतीय मुद्रा के बदले मेरी हथेली में स्थान पाकर सोभाग्यशील महसूस करने लगे। 
आम कठोर थे तो उनका आमरस बनाना उचित नही समझा और मेरी अंगुलियों ने चक्कू का प्रयोग किया और खच खच खच खच 15 टुकड़े कर दिए और सजा दिया प्लेट में। 😃
मेरे घर मे अगर किसी को आम सबसे ज्यादा पसंद है तो वो है मेरी छोटी सिस्टर #unique_saloni को। 
मुझे आम खट्टे लगे , मुझसे खाया नही गया, मेने सोचा हो गए पैसे बर्बाद, घर मे से तो कोई खायेगा नही, बस एक अंतिम कोशिश की ओर मेने आम की वो प्लेट सलोनी को ऑफर की।
उसने आम का टेस्ट लेकर असहजता महसूस की, बिल्कुल मेरी तरह 😃 पर मैने खुद के बचाव में साम दाम की नीति अपनानी जरूरी समझी ओर तपाक से बोल पड़ा
" ये दुर्लभ प्रजाति का फल है जो आम , केरी ओर केले के संगम से बना है, इसलिए इसका टेस्ट बिल्कुल अलग है। ये आम नही बल्कि अन्यफल है जो काफी महंगा मिलता है।"😃😃
उसने मेरी तरफ देखा और बिना किसी सवाल किए वो पल भर में ही मान बैठी की वाकई ये दुर्लभ प्रजाति का फल है।
उसने इसके बारे ओर अधिक जानकारी लेनी चाही मेने बताया कि इसका नाम मार्केलो है ( मुझे एन वक्त पर कोई नाम याद नही आया, मार्केलो एक फुटबॉलर का नाम है तो शायद तो लगा दी मेने भी किक 😃 ) 
मेने आगे बताया कि ये फल भारत मे केवल नागालैंड में पाया जाता है। और तमाम टेक्स और GST देने के बाद राजस्थान में ये बहुत महंगा बिकता है। मेने उसको बताया कि ताजा शोध के अनुसार इस फल में सर्वाधिक पोषक तत्व विद्यमान है जो हमारी स्मरण शक्ति बढ़ाते है 😂😂 जल्दी एलडीसी में सेलेक्शन हो इसके लिए इस फल का सेवन करो।
मैं फेंकता चला गया और वो मानती गई। उसको इस खट्टे आम में भी मेरी बातों को सुनकर रुचि दोड़ पड़ी और उसने कुछ देर में उस आम को साफ कर दिया 😃😃

इसके बाद वो कहाँ रुकने वाली थी, चली गई विकिपीडिया माताजी के पास। गूगल बाबा जिंदाबाद। उसने मार्केलो के बारे में गूगल पर सर्च किया पर रिजल्ट कुछ भी हासिल नही हुआ😂😂 
होता भी कैसे । मार्केलो कोई फल हो तब तो रिजल्ट आये 😃
मेने उसको बताया कि मैने कहा था ना कि ये दुर्लभ प्रजाति का फल है, गूगल को भी पता नही है।
😂😂😂 😂😂 
इत्ता बिलीव करती है मुझ पर मेरी सिस्टर 😃 
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद शायद अगली बार मैं उसको अच्छे आम खिलाऊँ तो भी नही खाये 😃😃😂

लोग क्या कहेंगे

लोग क्या कहेंगे'? 😒
3 भयसूचक शब्द। #sj_feeling
हम पूरी जिंदगी इस बेवजह परेशान करने वाले समाज और लोगों के दृष्टिकोण के अनुसार गुजरते है। हम अपनी लाइफ़ खुद अपने अनुसार नही जी सकते। ये समाज वही चाहता है कि हम वही रूढ़िवादी विचारधारा और परंपरागत रवैये से अपनी जिंदगी गुजारे। अगर आपने इस समाज के बनाये हुए वाहियात नियमो से जरा सी भी विचलित होने की कोशिश की तो आपका परिवार भी आपका साथ नही देता। बल्कि ताने कसता है " कलंक पैदा हुआ है घर मे।
इस समाज को आपके हर अलग क्रियाकलाप से प्रॉब्लम है। आपने बाल बड़े रखे है तो भी ये समाज अंगुली उठाएगा। सेविंग नही कराई तो भी। बाल घुंघरालु तो भी। पेंट की जगह जीन्स पहने तो भी। कमर के नीचे केफरी पहने तो भी। 
लिव इन रिलेशनशिप का कानून है ना भारत मे। पर आपने अगर किसी से प्रेम किया तो भी। 😶
हमे पता है आगामी 20 सालों बाद सभी इस समाज के दरकियानुसी सोच के दरकिनार कर आधुनिकता का चोला पहनेंगे। पर एक हमारी ही पीढ़ी है जिसे कदम कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। यही पीढ़ी जिसने 1990 से 2005 के बीच जन्म लिया है। हम 21वी सदी के प्रारंभिक बच्चे रहे है और वो 20 वी सदी के रूढ़िवादी लोग है। विचारधाराओ में टकराव तो बनता है। दुख होता है पर मैं खुद समाज के नियमो को तोड़ नही सकता। अपनी फैमिली की खुशियों के खातिर।
किसी ने मुझसे कहा था कि " ज्योति तुम अगर बेहद गरीब होते तो कोनसा समाज तुमको रोटियां देने आ जाता। समाज मे उसकी ही इज्जत है, जिसके पास पैसा है। बिना पैसे वाले तो ऐसे ही समाज से बेदखल रहते है। :- Priyanka Goutam Bjp 
जिंदगी भर " लोग क्या कहेंगे' रटते जाएंगे, 50 साल की उम्र के बाद हमे पता लगेगा कि साला लोग तो हमारे बारे में सोचते ही नही थे। 😯😯
प्रेरणा : Nupur Jaroli mam