Saturday, 18 May 2019

लोग क्या कहेंगे

लोग क्या कहेंगे'? 😒
3 भयसूचक शब्द। #sj_feeling
हम पूरी जिंदगी इस बेवजह परेशान करने वाले समाज और लोगों के दृष्टिकोण के अनुसार गुजरते है। हम अपनी लाइफ़ खुद अपने अनुसार नही जी सकते। ये समाज वही चाहता है कि हम वही रूढ़िवादी विचारधारा और परंपरागत रवैये से अपनी जिंदगी गुजारे। अगर आपने इस समाज के बनाये हुए वाहियात नियमो से जरा सी भी विचलित होने की कोशिश की तो आपका परिवार भी आपका साथ नही देता। बल्कि ताने कसता है " कलंक पैदा हुआ है घर मे।
इस समाज को आपके हर अलग क्रियाकलाप से प्रॉब्लम है। आपने बाल बड़े रखे है तो भी ये समाज अंगुली उठाएगा। सेविंग नही कराई तो भी। बाल घुंघरालु तो भी। पेंट की जगह जीन्स पहने तो भी। कमर के नीचे केफरी पहने तो भी। 
लिव इन रिलेशनशिप का कानून है ना भारत मे। पर आपने अगर किसी से प्रेम किया तो भी। 😶
हमे पता है आगामी 20 सालों बाद सभी इस समाज के दरकियानुसी सोच के दरकिनार कर आधुनिकता का चोला पहनेंगे। पर एक हमारी ही पीढ़ी है जिसे कदम कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। यही पीढ़ी जिसने 1990 से 2005 के बीच जन्म लिया है। हम 21वी सदी के प्रारंभिक बच्चे रहे है और वो 20 वी सदी के रूढ़िवादी लोग है। विचारधाराओ में टकराव तो बनता है। दुख होता है पर मैं खुद समाज के नियमो को तोड़ नही सकता। अपनी फैमिली की खुशियों के खातिर।
किसी ने मुझसे कहा था कि " ज्योति तुम अगर बेहद गरीब होते तो कोनसा समाज तुमको रोटियां देने आ जाता। समाज मे उसकी ही इज्जत है, जिसके पास पैसा है। बिना पैसे वाले तो ऐसे ही समाज से बेदखल रहते है। :- Priyanka Goutam Bjp 
जिंदगी भर " लोग क्या कहेंगे' रटते जाएंगे, 50 साल की उम्र के बाद हमे पता लगेगा कि साला लोग तो हमारे बारे में सोचते ही नही थे। 😯😯
प्रेरणा : Nupur Jaroli mam

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