मुझे यह समझ नही आता कि एग्जाम रिजल्ट अपना आ रहा हूं, ओर चिंता पड़ोसियों को क्यों होती है ?
जैसे ही रिजल्ट घोषित हुआ, पड़ोसियों के नव विद्वान बच्चे हाथ मे मोबाइल लेकर ' India Result' की साइट खोलते हुए नजर आते है।
रिजल्ट अच्छा आया तो दुखी होते है, 100 ग्राम खून कम हो जाता है। रिजल्ट बुरा आया तो घर आकर जानबूझकर जले पर नमक छिड़कने आते है, ओर अपनी कटाक्ष पूर्ण वाणी को प्रदर्शित कर बड़े ही आराम से पूछते है " रिजल्ट क्या रहा ?? '
जबकि हमको पता रहता है कि बन्दा पहले ही इंटरनेट की दुनिया से गुजरकर फिर घर पर आया है। 😃😃
हद तो तब हो जाती है जब 85% बनाने वाली की अगर 70% बनती है तो बड़े ही जोर से हंस के कहते है ' मिठाई खिला 😃😃
अरे भाई। यहां तो ऐसी तैसी हुई जा रही है और तुम लोग आग में घी डालने आ जाते हो।
चलो कोई ना। हमे भी फिर यही बोलना पड़ता है ' खिलाएंगे , सावन के प्रथम सोमवार को।
फिर बारी आती है घरवालों की। डांट फटकार का सिलसिला रुकता नही, जैसे हमने बलात्कार कर समाज मे घोर निंदनीय व घिनोना काम कर दिया😂
पर बेचारे पड़ोसियों के सामने क्या कहे । यही कहना पड़ता है " माको छोरो तो आईपीएल देखबा ने रेग्यो, नही तो अखबार में फ़ोटो आती। ' 😂😂
चलो कोई ना। लेकिन हैरत की बात तो तब होगी जब रिजल्ट के दिन बुआ की ननद की बेटी की भाभी का भी कॉल आ जाता है ' आपणे छोरा के कतनी बनी ?? " 😂😂
तब जोरदार गुस्सा आता है। साला जमी में झुककर प्रणाम करो, तब भी ढंग से आशिर्वाद नही देती । कभी जिंदगी में मेरे लिए कॉल किया नही। कभी मैं बीमार पड़ा तो कुशलक्षेम पूछी नही, ओर मेरे रिजल्ट की बड़ी चिंता है डायन को।
खैर हमे तो फिर भी जितनी बनी है उससे 5% ज्यादा बतानी है। होता कुछ नही, बस आत्मसंतुष्टि मिलती है।😃😃 हमने खोई भी तो 5 % है।
ज्यादा बोल गया तो क्षमा चाहता हूं, वैसे बिगाड़ेंगे तो आप मेरा वैसे